कुशल और बुद्धिमान
कुशल और बुद्धिमान अभिभावक अपने बच्चों को अनुभवपूर्ण ज्ञान देने के लिए विभिन्न प्रयोग करते रहें तो बच्चों के लिए घर एक व्यावहारिक पाठशाला हो जाएगा। वैसे भी परिवार को अनुभवों की पाठशाला माना गया है; जहाँ शिक्षण भी होता है और प्रयोग भी होते हैं। जहाँ बालकों को इस प्रकार का अनुभव मिलता रहता है; वहाँ के बालक बाद में जाकर कुशल और अनुभवी नागरिक बनते हैं। उनमें हर समस्या को गहराई में उतरकर समझने की शक्ति उत्पन्न हो जाती है और वे उन समस्याओं का हल भी सावधानी से निकालने में समर्थ हो जाते हैं।
If skilled and intelligent parents keep doing various experiments to impart experiential knowledge to their children, the home will become a practical school for the children. In any case, the family is considered a school of experiences; Where there is teaching and there are experiments. Where children keep getting this kind of experience; The children there later go on to become skilled and experienced citizens. They get the power to understand every problem deeply and they are able to solve those problems carefully.
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लोक व्यवहार की कला सनातन धर्म के शास्त्रों में लिखा है कि जैसा व्यवहार तुम दूसरे से अपने साथ चाहते हो वैसा ही व्यवहार दूसरों के साथ करो। जो व्यवहार तुमको अच्छा नहीं लगता वो दूसरों के साथ भी मत करो। यह वाक्य समस्त संसार में बहुत प्रसिद्ध है। इस वाक्य को हर भाषा में लिखा गया है। यह बिल्कुल सही कहा गया है। हर मनुष्य चाहता है कि...
जहाँ गरीब देश की अधिकांश जनता को पौष्टिक भोजन नहीं मिलता, वहाँ इन जनप्रतिनिधियों के लिए इतने शानशौकत के महल और उसके साथ-साथ अनेक लग्जिरियस तामजाम अलग। इनकी यह व्यवस्था शहनशाहों व राजाओं से भी अधिक भड़कीली होती है। सुविधा इनकी, परन्तु नाम देश की प्रतिष्ठा का लिया जाता है। जिस प्रतिष्ठा का ये बहाना...