वासना के बीज
चित्त में जड़ जमाए वासना के बीज को परिष्कृत व नियंत्रित करने का विधान है, जो ध्यान की शसक्त विधि है। ध्यान को आध्यात्मिक रूपांतरण की कुंजी कह सकते हैं, जिसके आधार पर क्रमशः चित्त में जड़ जमारक आध्यात्मिक जीवन के आदर्श आत्मज्ञान व आत्मबोध की अवस्था को प्राप्त होता है। हालाँकि यह तभी संभव होता है, जब नैतिक अनुशासन एवं प्रार्थना के आधार पर मन को एक स्तर तक शांत एवं स्थिर कर लिया गया हो।
There is a law to refine and control the seeds of lust rooted in the mind, which is a powerful method of meditation. Meditation can be said to be the key to spiritual transformation, on the basis of which the ideal state of self-realization and self-realization of spiritual life, which is rooted in the mind, is achieved respectively. However, this is possible only when the mind has been calmed and stabilized to a certain level on the basis of moral discipline and prayer.
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लोक व्यवहार की कला सनातन धर्म के शास्त्रों में लिखा है कि जैसा व्यवहार तुम दूसरे से अपने साथ चाहते हो वैसा ही व्यवहार दूसरों के साथ करो। जो व्यवहार तुमको अच्छा नहीं लगता वो दूसरों के साथ भी मत करो। यह वाक्य समस्त संसार में बहुत प्रसिद्ध है। इस वाक्य को हर भाषा में लिखा गया है। यह बिल्कुल सही कहा गया है। हर मनुष्य चाहता है कि...
जहाँ गरीब देश की अधिकांश जनता को पौष्टिक भोजन नहीं मिलता, वहाँ इन जनप्रतिनिधियों के लिए इतने शानशौकत के महल और उसके साथ-साथ अनेक लग्जिरियस तामजाम अलग। इनकी यह व्यवस्था शहनशाहों व राजाओं से भी अधिक भड़कीली होती है। सुविधा इनकी, परन्तु नाम देश की प्रतिष्ठा का लिया जाता है। जिस प्रतिष्ठा का ये बहाना...