मनुष्य का स्वधर्म
धर्म ही वह तत्व है जिसके कारण मनुष्य, मनुष्य बन पाता है और अपने स्वभाव में स्थित हो पाता है। जैसे- जल का स्वभाव है बहना, सूर्य का स्वभाव है तपना, वैसे ही मानवता-मनुष्य का स्वभाव है, मनुष्य का स्वधर्म है। मानवता को आत्मसात् करना व मनुष्य का मनुष्य के स्वभाव में रहना ही मनुष्य का स्वधर्म है। व्यापक अर्थ स्वयं के प्रति व परिवार, समाज व राष्ट्र के प्रति हमारा कर्तव्य ही हमारा स्वधर्म है। यह धर्म ही है जिसके कारण मनुष्य आकृति के साथ-साथ प्रकृति से भी मनुष्य बन पाता है। सत्य, प्रेम, करूणा, सेवा, संवेदना, क्षमा आदि उसके आभूषण बन जाते हैं।
Dharma is that element due to which a man becomes a human being and gets settled in his nature. Just as the nature of water is to flow, the nature of the sun is to heat, similarly it is the nature of man and man, it is the nature of man. It is the Swadharma of man to assimilate humanity and live in the nature of man. Our duty towards ourselves and towards family, society and nation is our Swadharma. It is this religion due to which man becomes a man from the form as well as nature. Truth, love, compassion, service, compassion, forgiveness etc. become his ornaments.
Man's Self-Righteousness | Bhopal Arya Samaj, 8989738486 | Arya Samaj Vivah Poojan Vidhi Bhopal | Arya Samaj Bhopal | Inter Caste Marriage Promotion Bhopal | Official Website of Arya Samaj Bhopal | Arya Samaj Legal Marriage Service Bhopal | Arya Samaj Marriage Registration Bhopal | Arya Samaj Vivah Vidhi Bhopal | Inter Caste Marriage Promotion for Prevent of Untouchability Bhopal | Pandits for Marriage Bhopal | Arya Samaj Legal Wedding Bhopal | Arya Samaj Marriage Rituals Bhopal | Arya Samaj Wedding Bhopal | Legal Marriage Bhopal | Pandits for Pooja Bhopal | Arya Samaj Mandir Bhopal | Arya Samaj Marriage Rules Bhopal | Arya Samaj Wedding Ceremony Bhopal | Legal Marriage Help Bhopal | Procedure of Arya Samaj Marriage Bhopal | Arya Samaj Mandir Helpline Bairagarh Bhopal
लोक व्यवहार की कला सनातन धर्म के शास्त्रों में लिखा है कि जैसा व्यवहार तुम दूसरे से अपने साथ चाहते हो वैसा ही व्यवहार दूसरों के साथ करो। जो व्यवहार तुमको अच्छा नहीं लगता वो दूसरों के साथ भी मत करो। यह वाक्य समस्त संसार में बहुत प्रसिद्ध है। इस वाक्य को हर भाषा में लिखा गया है। यह बिल्कुल सही कहा गया है। हर मनुष्य चाहता है कि...
जहाँ गरीब देश की अधिकांश जनता को पौष्टिक भोजन नहीं मिलता, वहाँ इन जनप्रतिनिधियों के लिए इतने शानशौकत के महल और उसके साथ-साथ अनेक लग्जिरियस तामजाम अलग। इनकी यह व्यवस्था शहनशाहों व राजाओं से भी अधिक भड़कीली होती है। सुविधा इनकी, परन्तु नाम देश की प्रतिष्ठा का लिया जाता है। जिस प्रतिष्ठा का ये बहाना...