दुरूपयोग-अपव्यय
जो उपलब्ध है, उसे किस प्रयोजन के लिए, किस अनुपात में, कहाँ लगाया जाय ? उपलब्धियों में लग सकें, अन्यथा दुरूपयोग-अपव्यय ही चलता रहा तो सम्पन्नता दरिद्रता से भी महँगी पड़ती है। आत्म-साधना का सही ताप्तर्य यही है - अपना दायरा बड़ा करना। अर्थात लोभ-मोह, स्वार्थपरता के भवबन्धनों को शिथिल करते हुए समष्टि के साथ अपने आपको जोड़ना। उस दृष्टिकोण को अपनाने पर वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना उमगती है और असीम के साथ जुड़ने को जी मचलता है। दूसरों के दुःख बाँटने, अपना सुख बँटाने का आत्मभाव जब विकसित-विस्तृत होगा, तो उसका उपयोग लोकमंगल के कार्यों के लिए समयदान, अंशदान के रूप में प्रस्तुत किए बिना चैन पड़ेगा ही नहीं।
What is available, for what purpose, in what proportion, where should it be used? If you can be engaged in achievements, otherwise if the misuse and wastage continues, then prosperity becomes more expensive than poverty. This is the true meaning of self-cultivation - expanding your circle. That is, connecting oneself with the world by relaxing the bondages of greed and selfishness. By adopting that approach, the feeling of Vasudhaiva Kutumbakam rises and one gets to connect with Asim. When the self-consciousness of sharing others' sorrows, sharing one's own happiness will develop and expand, then it will not be used without presenting it in the form of contribution for the welfare of the people.
Misappropriation | Bhopal Arya Samaj | Procedure of Arya Samaj Marriage Bhopal | Arya Samaj Mandir Helpline Bhopal | Arya Samaj Wedding Rituals Bhopal | Legal Marriage Helpline Bhopal | Procedure of Arya Samaj Wedding Bhopal | Arya Samaj Mandir Marriage Bhopal | Arya Samaj Pandits for Gayatri Havan Bhopal | Aryasamaj Mandir Marriage Helpline Bhopal | Legal Marriage Helpline Conductor Bhopal | Validity of Arya Samaj Marriage Bhopal | Arya Samaj Mandir Marriage Helpline Bhopal | Arya Samaj Pandits for Havan Bhopal | Court Marriage Bhopal | Legal Marriage Helpline Consultant Bhopal | Validity of Arya Samaj Marriage Certificate Bhopal | Arya Samaj Mandir Shaadi Bhopal | Arya Samaj Pandits for Legal Marriage Bhopal | Court Marriage Helpline Bairagarh Bhopal
लोक व्यवहार की कला सनातन धर्म के शास्त्रों में लिखा है कि जैसा व्यवहार तुम दूसरे से अपने साथ चाहते हो वैसा ही व्यवहार दूसरों के साथ करो। जो व्यवहार तुमको अच्छा नहीं लगता वो दूसरों के साथ भी मत करो। यह वाक्य समस्त संसार में बहुत प्रसिद्ध है। इस वाक्य को हर भाषा में लिखा गया है। यह बिल्कुल सही कहा गया है। हर मनुष्य चाहता है कि...
जहाँ गरीब देश की अधिकांश जनता को पौष्टिक भोजन नहीं मिलता, वहाँ इन जनप्रतिनिधियों के लिए इतने शानशौकत के महल और उसके साथ-साथ अनेक लग्जिरियस तामजाम अलग। इनकी यह व्यवस्था शहनशाहों व राजाओं से भी अधिक भड़कीली होती है। सुविधा इनकी, परन्तु नाम देश की प्रतिष्ठा का लिया जाता है। जिस प्रतिष्ठा का ये बहाना...